उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 3 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले माघ मेले की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। इस बार मेले में लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए यूपी परिवहन निगम ने विशेष इंतजाम किए हैं। निगम ने मेले के दौरान यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन मुहैया कराने के लिए तीन अस्थाई बस अड्डों का निर्माण किया है, जिनसे रूटीन बसों के साथ-साथ अतिरिक्त बसों का संचालन भी किया जाएगा।
अतिरिक्त बसों और कर्मचारियों की तैनाती
यातायात सुगमता के लिए परिवहन निगम ने सभी बस अड्डों पर अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात करने का फैसला लिया है। इससे न केवल बसों का संचालन व्यवस्थित रहेगा, बल्कि यात्रियों को कोई परेशानी भी नहीं होगी। सभी जिलों से माघ मेले के लिए पर्याप्त बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक रविंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, माघ मेले के लिए 3800 बसों का बेड़ा लगाया जाएगा, जिसमें से 200 बसें रिजर्व में रखी जाएंगी। ये बसें आपातकालीन स्थिति या अतिरिक्त भीड़ के समय चलायी जाएंगी। सामान्य दिनों में, जब भीड़ अपेक्षाकृत कम होगी, तब 1800 बसों का संचालन प्रतिदिन किया जाएगा। स्नान प्रमुख पर्वों के दौरान और उत्सव के दिनों में, अतिरिक्त बसें चलाकर श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा दी जाएगी।
अस्थाई बस अड्डों का विवरण
माघ मेले में आने वाले विशाल जनसमूह को ध्यान में रखते हुए तीन अस्थाई बस अड्डे बनाए जा रहे हैं:
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गंगा पार, झूंसी इलाके में अस्थाई बस अड्डा:
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यमुना पार, नैनी के लेप्रोसी चौराहे के पास:
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यह बस अड्डा बांदा, चित्रकूट और मिर्जापुर की ओर जाने वाली बसों के लिए कार्य करेगा।
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साथ ही, मध्य प्रदेश के रीवा के लिए जाने वाली बसें भी यहीं से संचालित होंगी।
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सिविल लाइंस और विद्या वाहिनी क्षेत्र:
यदि मेले में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ती है, तो नेहरू पार्क और बेला कछार में भी अस्थाई बस अड्डों का निर्माण किया जाएगा। इससे यात्रियों को उनके गंतव्य तक आरामदायक और समय पर पहुंच सुनिश्चित होगी।
इलेक्ट्रिक बसों का योगदान
शहर में पहले से उपलब्ध 50 इलेक्ट्रिक बसें भी माघ मेले के दौरान यात्रियों की सुविधा के अनुसार चलाई जाएंगी। इन बसों का संचालन पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सुगमता प्रदान करेगा।