दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में उस समय नई बहस छिड़ गई, जब आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को उनके एक बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि "विपश्यना ध्यान का मज़ाक उड़ाना आपको शोभा नहीं देता।"
दरअसल, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रदूषण से निपटने के तरीके को लेकर केजरीवाल पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह दिल्ली छोड़कर 'भागेंगी नहीं' और 'अपनी खांसी ठीक करने' के लिए विपश्यना का अभ्यास नहीं करेंगी।
‘हम विपश्यना करने नहीं भाग जाते हैं’
सीएम रेखा गुप्ता ने पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में दिए गए अपने भाषण का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें वह दिल्ली की गंभीर प्रदूषण समस्या से निपटने की बात कर रही थीं। उन्होंने अपने भाषण में केजरीवाल के बार-बार विपश्यना के लिए शहर छोड़ने की आदत पर कटाक्ष किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा था:
"हम दिल्ली में रहते हुए और काम करते हुए दिल्ली की प्रदूषण समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं। हम उन लोगों की तरह नहीं हैं जो दिल्ली को उसके हाल पर छोड़कर हर छह महीने में विपश्यना करने भाग जाते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरी दिल्ली, मेरी ज़िम्मेदारी... हम इसी भावना से काम कर रहे हैं। समस्या यहीं है, समाधान भी यहीं दिल्ली में मिलेगा।" उन्होंने एक पोस्ट में बताया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों उपाय लागू किए जा रहे हैं।
केजरीवाल का जवाब: 'आप भी कर सकती हैं विपश्यना'
सीएम रेखा गुप्ता के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया और कहा कि राजनीतिक दुश्मनी अपनी जगह है, लेकिन भगवान बुद्ध द्वारा सिखाई गई दिव्य विपश्यना ध्यान पद्धति का इस तरह मज़ाक उड़ाना किसी मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देता।
केजरीवाल ने सीएम रेखा को व्यक्तिगत रूप से सलाह देते हुए कहा:
"अगर आप भी विपश्यना करेंगी तो आपको अच्छा लगेगा। इससे बहुत शांति मिलती है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विपश्यना के लिए जाना "भागना" नहीं है, बल्कि यह कुछ ऐसा है जो केवल भाग्यशाली लोगों को ही नसीब होता है। इस तरह केजरीवाल ने राजनीतिक हमले को आध्यात्मिकता और व्यक्तिगत शांति के मुद्दे में बदल दिया।
AAP ने प्रदूषण पर बीजेपी को घेरा
इस बीच, AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने इस पूरे विवाद को प्रदूषण के असली मुद्दे की ओर मोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भले ही अरविंद केजरीवाल की खांसी का मज़ाक उड़ाएं, लेकिन अब पूरा दिल्ली शहर गंभीर प्रदूषण की स्थिति से पीड़ित है और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनियों का हवाला दे रहा है।
भारद्वाज ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके लगभग एक साल सत्ता में रहने के बावजूद, प्रदूषण की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुँच गई है। उन्होंने सवाल किया, "दिसंबर का आधा महीना बीत चुका है और देश में कहीं भी पराली नहीं जलाई जा रही है। न पंजाब में, न हरियाणा में और न ही कहीं और, फिर भी प्रदूषण का लेवल इतना ज़्यादा है कि बंद कमरों के अंदर भी धुंध और स्मॉग दिख रहा है।"
यह बयानबाजी न केवल व्यक्तिगत कटाक्षों को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा किस तरह से राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।