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मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने की तैयारी, BSF-RAF और पुलिस तैनात, BJP दे चुकी है चेतावनी

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Posted On:Saturday, December 6, 2025

मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल: आज का दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में भारी तनाव और सियासी उबाल लेकर आया है। एक तरफ जहां देशभर में अयोध्या की बाबरी मस्जिद विध्वंस की 33वीं बरसी मनाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ मुर्शिदाबाद के बेलडांगा स्थित रेजीनगर इलाके में 'बाबरी मस्जिद शैली' की एक नई मस्जिद की नींव रखे जाने के ऐलान ने पूरे क्षेत्र को 'छावनी' में बदल दिया है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) से निष्कासित नेता हुमायूं कबीर ने जिला प्रशासन की अनुमति के बिना इस विवादित कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं।

मुर्शिदाबाद बना 'हाई सिक्योरिटी ज़ोन'

किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए, पूरे मुर्शिदाबाद जिले, खासकर रेजीनगर इलाके को हाई सिक्योरिटी ज़ोन घोषित कर दिया गया है। ज़मीन पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी है:

  • बड़ी संख्या में सुरक्षा बल: पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को तैनात किया गया है।

  • फोर्स की तैनाती: कृष्णानगर और बेहरामपुर से अतिरिक्त पुलिस टीमें बुलाई गई हैं।

  • कंट्रोल रूम: स्थानीय स्कूल को अस्थाई कंट्रोल रूम बनाकर पूरे ऑपरेशन की निगरानी की जा रही है।

  • गश्त और फ्लैग मार्च: संवेदनशील इलाकों में लगातार गश्त और फ्लैग मार्च किया जा रहा है ताकि असामाजिक तत्वों को रोका जा सके।

अनुमति नहीं, फिर भी 3 लाख लोगों के जुटने की आशंका

जिला प्रशासन ने इस शिलान्यास कार्यक्रम के लिए कोई आधिकारिक अनुमति नहीं दी है, बावजूद इसके 25 बीघा (लगभग 10 एकड़) के बड़े क्षेत्र में कार्यक्रम की व्यापक तैयारी की गई है। आयोजकों ने लगभग 3 लाख लोगों के जुटने की संभावना जताई है, जो प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।

इस विशाल सभा के लिए खाने-पीने का भी ज़बरदस्त इंतज़ाम किया गया है:

  • 7 कैटरिंग एजेंसियाँ लगाई गई हैं।

  • करीब 70,000 शाही बिरयानी के पैकेट तैयार करने का ऑर्डर दिया गया है।

  • कार्यक्रम पर करीब ₹70 लाख खर्च होने का अनुमान है।

मस्जिद के निर्माण के लिए फंड देशभर के मुस्लिम समुदाय के लोगों से जुटाने की योजना है। प्रशासन की अनुमति न होने और भारी भीड़ जुटने की आशंका से तनाव चरम पर है।

कलकत्ता हाई कोर्ट का दखल से इनकार

इस विवादित शिलान्यास को रोकने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें हुमायूं कबीर के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी। हालांकि, शुक्रवार को एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पाल और जस्टिस पार्थसारथी सेन की डिवीजन बेंच ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से, पुलिस और प्रशासन पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने का सीधा दबाव और बढ़ गया है।

'बाबर के पास भेज दूंगा': बीजेपी नेता की कड़ी चेतावनी

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अर्जुन सिंह ने इस विवाद पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है और हुमायूं कबीर को सीधी चेतावनी दी है। अर्जुन सिंह ने कहा: "हम 'बाबरी मस्जिद की शैली' वाली मस्जिद का नींव पत्थर रखने नहीं देंगे। कोई शिलान्यास कार्यक्रम नहीं होगा और न ही मस्जिद को बनने दिया जाएगा।" उन्होंने इस प्रयास को 'संविधान का अपमान' बताया और कहा कि हिंदू बहुल राष्ट्र भारत में कोई भी मस्जिद बना सकता है, लेकिन बाबरी (का नाम या शैली) का इस्तेमाल करना संविधान का अपमान है। सिंह ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि "अगर हुमायूं कबीर ने मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद बनाने की कोशिश की तो उन्हें बाबर (मुगल सम्राट) के पास भेज दूंगा।" यह भड़काऊ बयानबाजी क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को और अधिक बढ़ावा दे रही है।

राज्यपाल की शांति और संयम की अपील

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए प्रदेशवासियों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि वे भड़काऊ बयानों और अफवाहों से बचें और उकसावे वाली गतिविधियों का शिकार न हों। राज्यपाल ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएँ।

राजभवन ने स्थिति पर 24 घंटे निगरानी रखने के लिए 'एक्सेस प्वाइंट सेल' भी स्थापित किया है। यह सेल 24 घंटे सक्रिय रहेगा और किसी भी तरह की विरोधी गतिविधि या गड़बड़ी होने पर लोग सीधे शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के लिए फोन नंबर (033-22001641, 9289010682, 9995251155, 9480813891) और एक ईमेल आईडी (osd2w.b.governor@gmail.com) जारी की गई है।

धार्मिक-राजनीतिक विवाद का नया केंद्र

हुमायूं कबीर, जो TMC से निष्कासित होने के बाद से ही विवादों में रहे हैं, का यह कदम पूरी तरह से राजनीतिक माना जा रहा है। 6 दिसंबर के दिन जानबूझकर 'बाबरी शैली' की मस्जिद का शिलान्यास करने का ऐलान करना, एक धार्मिक-राजनीतिक ध्रुवीकरण की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मुर्शिदाबाद, जो बंगाल की राजनीतिक और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील ज़िलों में से एक है, में इस घटना ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए अगले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि उन्हें हाई कोर्ट के दखल के बिना ही, भारी भीड़ के बीच कानून व्यवस्था बनाए रखने की मुश्किल चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। पूरा देश आज मुर्शिदाबाद पर नजरें गड़ाए हुए है कि क्या प्रशासन और संयम, इस उच्च-दांव वाले राजनीतिक और धार्मिक टकराव को हिंसा में बदलने से रोक पाएंगे।


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